होली निबंध

होली पर्व के पीछे हिरन्यकश्यप और उसके बेटे प्रह्लाद की कहानी है| जब हिरन्यकश्यप को पता चला की उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त है तभी क्रोध में उसने अपनी बेहन होलिका के साथ मिलकर प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई पर कहते है अच्छाई पर बुराई की जीत अवश्य होती है| और इसी की ख़ुशी में लोगों ने एक-दुसरे को रंग लगाना शुरू कर दिया| उसी दिन से हर वर्ष होली का त्योहार रंगों और गुलालों के नाम से जाना जाता है| इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे को भूल नए जीवन की शुरुआत करते है|

रंगों से सजी होली

‘होली’ रंगों के इस पवन पर्व के आते ही मानो चेहरे पर एक अद्बुध सी मुस्कान दिखती है| होली को ना जाने लोगो ने कितने रूप दिए, बचपन की होली हो या बुढ़ापे की उल्लास हमेसा एक सी ही होती है| आप सब ने वह मशहुर गाना तो सुना ही होगा ‘होली के दिन दिल खिल जाते है रंगों में रंग मिल जाते है|’ होली पर्व की महत्ता को उजागर करने वाले इस गाने की सादगी और सच्चाई को लोगो ने काफी हद तक अपनाया है| होली पर्व जितना अपने रंगों के लिए मशहुर है उतना ही अपनी मस्ती और ठिठोरीयों के लिए भी जाना जाता है| होली का उत्सव हर साल पूर्णं चन्द्रमा के दिन मार्च (फागुन) के महीने में मनाया जाता है। भारत के भिन्न-भिन्न जगहों पर होली अनोखे अंदाज में मनाया जाता है| वृन्दावन की लठमार होली से लेकर मथुरा की फूलोँ से सजी होली पुरे विश्व में प्रशिद्ध है| विदेशों में भी होली का खुमार सर चढ़ कर बोलता है| होली पर्व के नजदीक आते ही इन्टरनेट हॉलीवुड फ़िल्मी सितारों के ‘होली की शुभकामनाएं’ जैसे पोस्ट से भर जाता है| होली पर्व अपने साथ-साथ कई कहानियाँ और कथाये लेकर आता है| होलिका दहन की कहानी हो या प्रह्लाद जन्म की, सभी कहानियों का अपना एक अलग महत्त्व है| कहते है जिस तरह प्रह्लाद की अच्छाई और भगवान विष्णु के प्रति निष्ठा ने होलिका का नाश किया उसी भाती इस संसार में अच्छे लोगों की सज्जनता और इश्वर के प्रति विश्वास से बुराई का नाश अवश्य होगा| होलिका दहन वाले दिन लोग अग्नि के सामने होलिका को प्रणाम करते है ताकि बुराई का नाश हो और अच्छाई की जीत हो| उसी रात एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास, और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन के रिवाज को संपन्न किया जाता है| इस खुशनुमा माहौल के सम्पन्न होते ही लोग अपने-अपने घर जा कर अगली सुबह की तैयारी में मग्न हो जाते है| इस एकता, प्यार और भाईचारे के पर्व को लोग काफ़ी हर्सोल्लास से मनाते है| अनेकों रंगों से भरे इस त्योहार की लोकप्रियता जग-जाहिर है| मनोरंजन की परिभाषा व्यक्त करते इस पर्व की झलक अनेक हिंदी फिल्मों में देखने को मिलती है| होली हमारे देश में राष्ट्रीय त्योहार की तरह मनाया जाता है, इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विशवविद्यालय, कार्यालय, बैंक और दूसरे सभी संस्थान बंद रहते है ताकि सभी लोग अपने परिवार के साथ इस रंगीले त्योहार का लुत्फ़ उठा सके|

अपनेपन की होली

रंगों, खुशियों और पकवानों से भरे इस होली के त्योहार को भाईचारे के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है| इस दिन लोग अनेक रंगों और मस्ती-ठिठोरीयों के साथ होली के पावन पर्व का आगमन करते है| होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है जिसमे होलिका को जला कर बुराई पर अच्छाई की जीत के उदाहरण दिया जाते है| इस पावन मौके को लोग अपने परिवार और मित्रो के साथ मनाते है, कहते है होलिका दहन और होली के त्योहार में इतनी ताकत होती है की उस दिन लोग अपनी करवाहट भूल कर खुशियों को गले लगाते है|

रंगबिरंगी होली

होली भारत में मनाये जाने वाला एक खुशियों और रंगों से भरा पर्व है जो हिन्दुओं द्वारा बहुत ही हर्सोल्लास से मनाया जाता है| इस त्योहार को मनाते हुए लोग सरे मन-मुटाव को भूल जाते है, और सह-परिवार इस अनोखे दिन का आगमन करते है| भारत के अलग-अलग जगहों में होली भिन्न-भिन्न तरिकों से मनाई जाती है| कही ‘लठमार होली’ प्रशिद्ध है तो ‘कही फूलोँ से भरी होली’ जग-जाहिर है| सभी लोग अपने मनचाहे तरीके से इस त्योहार की महत्ता को उजागर करते है| यह त्योहार अपने अनेकों रंगों और पकवानों के लिए पुरे विश्व में प्रशिद्ध है|